हेलीकॉप्टर पेरेंट्स के बारे में सबने सुन रखा है
क्या एवर कम्प्लेनिंग टीचर्स के बारे में सुना है?
टीचर-पेरेंट मीटिंग का रिवाज़ चल गया है
उस दिन बच्चों की जम के पिटाई होती हैं
बच्चों की अनुपस्थिति में
असमर्थ पेरेंट, बिचारा चुपचाप पिटता है
मुँह फुलाये घर पहुँचता है
टीचर और पेरेंट भूल जाते हैं
वो भी कभी बच्चे थे
कहते हैं, "हमारा ज़माना कुछ और था"
ज़माना बदलता है, कुछ और नहीं बदलता है
बच्चे बच्चे ही रहते है
युग युग से, कुछ पेरेंट्स दोस्त नहीं बन पाते हैं
और कुछ टीचर कभी नहीं बन पाते है टीचर
भाग्यवान है वो जिनको बच्चो जैसे बच्चे मिलते हैं
पेरेंट चुनना या टीचर चुनना
अपने बस की बात नहीं