छुट्टी का दिन था
चालक की अनुपस्थिति में
गाड़ी चलाने का दुस्साहस किया
दुस्साहस मेरा विफल हुआ
आश्चर्य हुआ अपनी अक्षमता पर
उस दिन अपने एक अंग को
दम तोड़ते देखा मैंने
मृत अंग को पीठ में लादे बैठा रहा
बुत बनकर, पता नहीं कब तक
सुना था उपकरणों पर अति आश्रित्
बन जाते हैं उपकरण
उस दिन खुद को उपकरण बनते देखा मैंने
मुझे दिखी परिणति अति - आश्रित की
लगा गाड़ी की पिछली सीट पर
सिमट कर रह गया हूँ मैं
ये मेरे किसी सपने का अंशमात्र नहीं
बल्कि जीवन्त एक घटना का अंश है
इस घटना में छुपी है मेरी विफलता
मेरी वेदना
पीछे मुड़ा, अतीत की ओर झाँका
दिखी हरे रंग की साइकिल
जो ले जाया करती थी मुझे
एक चौराहे से दूसरे तक
याद आयी, जो भूल गया था
याद आते ही, मेरी गाड़ी को गति मिली
मैं ही था मेरी गाड़ी का चालक