अगर दो आने की जगह
दो रुपए जेबखर्च को मिले होते
अगर मुझे टोकने वाला कोई न होता
लेकिन ऐसा कुछ न हुआ
जेबतंगी रही, भरनी पड़ी जेब, मूंगफली से
पाबंदी रही समय की
अगर समय से पहले सब कुछ मिल जाता
शायद न जान पाता
चाहत और जरूरत का भेद
समझ न आती आज़ादी के माने
समय आने पर न मिलता
मिलने का संतोष